copyright. Powered by Blogger.

विरासत

>> Saturday, October 4, 2008

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
मुझे मात मिली
तुम एक और मात दे दोगे
तो कोई बात नही ।
दिल का सागर भरा है
गम की लहरों से
तुम एक और लहर मिला दोगे
तो कोई बात नही।
धूल का गुबार ही
मेरी किस्मत में लिखा है
खुशियों के पीछे तुम भी
उसमें एक ज़र्रा मिला दोगे
तो कोई बात नही।
प्यासा दिल पानी की चाह में
न जाने कहाँ कहाँ भटक गया
तुम भी पानी दे कर छीन लोगे
तो कोई बात नही ।
हालत के हाथों मैं अक्सर
हो जाती हूँ मजबूर
तुम और मजबूर बना दोगे
तो कोई बात नही .
मेरी ज़िन्दगी की किरणों में
कहीं कोई चमक बाकी थी
तुम उसको भी छीन लोगे
तो कोई बात नही ।
इस उजाड़ , वीरान सी ज़िन्दगी से
क्या शिकवा ?
तुम नेह का बादल हटा दोगे
तो कोई बात नही।
बस बात है तो केवल इतनी कि
गर हो मेरी ज़िन्दगी में
कोई चाहत , तम्मनाएं औ खुशी
वो सब तुझे मेरी विरासत में मिलें
ज़िन्दगी की इस कठोर धरती पर
तेरे लिए खुशी का हर फूल खिले .

12 comments:

कडुवासच 10/05/2008 12:26 AM  

"प्यासा दिल पानी की चाह में
न जाने कहाँ कहाँ भटक गया
तुम भी पानी दे कर छीन लोगे
तो कोई बात नही ।" ... बहुत प्रभावशाली रचना है।

taanya 10/06/2008 11:23 AM  

heyyyyyyyyyy b positive dear....!!

aapki rachna padh kar ek gaane k bol yaad aa gaye...

Zindgi gam ka sagar bhi hai...iske us paar jaana padega...

Zindgi pyar ka geet hai..ise har dil ko gaana padega.....

kyuuuuuuuuuu m i right na?????

PARVINDER SINGH 10/06/2008 11:47 PM  

हालत के हाथों मैं अक्सर
हो जाती हूँ मजबूर
तुम और मजबूर बना दोगे
तो कोई बात नही ......
सच मे हालत कभी कभी हमे कितना मजबूर बना देते हैं
लेकिन हालातो से समझोता करना या उसके आगे घुटने नहीं टेकना ...
एक सुंदर और प्रभाव शाली रचना के लिए
बहुत बधाई ...


आपका अपना
परविंदर

Rani Mishra 10/07/2008 2:19 PM  

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
मुझे मात मिली
तुम एक और मात दे दोगे
तो कोई बात नही ।
अपनी व्यथा सी जान पड़ती है ये पंक्तियाँ........
ये सच है, ज़िन्दगी ने हर बार हराया है मुझे.........
कभी कुछ दे कर छीन लिया
तो कभी कुछ न देकर रुलाया है मुझे.......
हालत के हाथों मैं अक्सर
हो जाती हूँ मजबूर
तुम और मजबूर बना दोगे
तो कोई बात नही .
ये दोनों पंक्तियाँ मुझे झकझोर कर फिर से मेरे जीवन का आइना दिकः रही है मुझे......
जो सत्य भूली थी उसे फिर से आँखों में आंसू दे कर याद दिला रही है मुझे......
सचमुच ज़िन्दगी एक शय और मात का खेल है......
गजब की जादूगरी है आपके हाथो में.....
मन के एक सत्य को कितनी श्रधा से शब्द दिए hai आपने.....
आपकी सभी रचनाओ में ये मेरे दिल के काफी करीब सी लगी......
शब्द नहीं है मेरे पास AWESOME.......

Dev 10/08/2008 8:17 PM  

मेरी ज़िन्दगी की किरणों में
कहीं कोई चमक बाकी थी
तुम उसको भी छीन लोगे
तो कोई बात नही ।
इस उजाड़ , वीरान सी ज़िन्दगी से
क्या शिकवा ?

Aap ne likha ki aash pass ki gatvidhiyon se aap shighra prabhavit ho jati hai....
Aap ka man bahut komaal hai...
Aur bhut bhavuk hai aap, bahut samvedanshil hai aap...

Bahut Achchha likhati hai aap...
Bahut Gahara sochti hai aap...

Bahut bahut badhi...

"Maa" par meri ek kavita aap avshya
padhiyega...

http://dev-poetry.blogspot.com/2008/08/blog-post_3922.html

BrijmohanShrivastava 10/09/2008 10:54 AM  

जब दिल की बात कह ,तो सभी दर्द मत उंडेल
कोई समझ ही न पाये गजल है या मर्सिया
दर्द के घूँट पी रहा हूँ कब से
तुम एक घूँट और पिलादों तो कोई बात बने
बहुत दर्दीली रचना स्वागत

BrijmohanShrivastava 10/09/2008 2:06 PM  

अभी तक खा चुके बहुत मात नादानी में अब न खायेगे /गम के सागर से भी अब अम्रत निकालेगे /धूल के बदले चलेगी अब बयार शीतल ,की तुमसे छीन कर पानी प्यास अपनी बुझाएंगे /मजबूर को बहुत मजबूर कर चुके अब /अब हम जीवन चमकाएंगे नई बहारें लायेंगे /
नशेमन पे नशेमन इस क़दर तामीर करता जा
की बिजली गिरते गिरते आप ख़ुद बेजार हो जाए

36solutions 10/09/2008 11:41 PM  

विजयादशमी की हार्दिक शुभकामनांयें

रश्मि प्रभा... 10/10/2008 11:39 AM  

ज़िन्दगी के हर मोड़ पर
मुझे मात मिली
तुम एक और मात दे दोगे
तो कोई बात नही ।......

bahut hi jyada achhi

chaitanya 10/10/2008 11:41 AM  

Ek aur rachna prabhavit kar jayegi to koi bat nahin, ham phir bhi intjar karenge har bar aisa hi kuchh milta rahe padne ko ; barambar ye hamen bhavuk banayengi to koi bat nahin.......

डाॅ रामजी गिरि 10/10/2008 1:20 PM  

वैष्णव भावों में डूबी एक अच्छी रचना..

Vinesh 10/10/2008 6:31 PM  

बस बात है तो केवल इतनी कि
गर हो मेरी ज़िन्दगी में
कोई चाहत , तम्मनाएं औ खुशी
वो सब तुझे मेरी विरासत में मिलें
ज़िन्दगी की इस कठोर धरती पर
तेरे लिए खुशी का हर फूल खिले .

khushkismet hai woh jinhe ye duayen mile. good composition.

Post a Comment

आपकी टिप्पणियों का हार्दिक स्वागत है...

आपकी टिप्पणियां नयी उर्जा प्रदान करती हैं...

आभार ...

हमारी वाणी

www.hamarivani.com

About This Blog

आगंतुक


ip address

  © Blogger template Snowy Winter by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP